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Showing posts from June, 2018

भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंध अकेले मोदी की वजह से ही सुधर रहे हैं?

पत्नी ने पति से पूछा- आप फेसबुक पर विदेशी लड़कियों से चैटिंग क्यों करते रहते हो ? पति ने कहा- तुमको क्या लगता है कि भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंध अकेले मोदी की वजह से ही सुधर रहे हैं? 😉😉😉😉😉😉😉😉😉😉😉 😉😉😉😉😉😉😉😉😉😉😉

पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है...!

पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है...! आजकल हवा के लिए रोशनदान कौन रखता है...!! अपने घर की कलह से फुरसत मिले तो सुने…! आजकल पराई दीवार पर कान कौन रखता है...!! खुद ही पंख लगाकर उड़ा देते हैं चिड़ियों को..! आज कल परिंदों मे जान कौन रखता है..!! हर चीज मुहैया है मेरे शहर में किश्तों पर..! आज कल हसरतों पर लगाम कौन रखता है..!! बहलाकर छोड़ आते है वृद्धाश्रम में मां_बाप को..! आज कल घर में पुराना सामान कौन रखता है…!! सबको दिखता है दूसरों में इक बेईमान इंसान…! खुद के भीतर मगर अब ईमान कौन रखता है…!! फिजूल बातों पे सभी करते हैं वाह-वाह..! अच्छी बातों के लिये अब जुबान कौन रखता है                                               ( राहत इन्दौरी)

शीश कलम करवा लूँगा पर, कलमा नही पढूंगा मैं|

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मन की हल्दीघाटी में, राणा के भाले डोले हैं, यूँ लगता है चीख चीख कर, वीर शिवाजी बोले हैं, पुरखों का बलिदान, घास की, रोटी भी शर्मिंदा है, कटी जंग में सांगा की, बोटी बोटी शर्मिंदा है, खुद अपनी पहचान मिटा दी, कायर भूखे पेटों ने, टोपी जालीदार पहन ली, हिंदुओं के बेटों ने, सिर पर लानत वाली छत से, खुला ठिकाना अच्छा था, टोपी गोल पहनने से तो, फिर मर जाना अच्छा था, मथुरा अवधपुरी घायल है, काशी घिरी कराहों से, यदुकुल गठबंधन कर बैठा, कातिल नादिरशाहों से, कुछ वोटों की खातिर लज्जा, आई नही निठल्लों को, कड़ा-कलावा और जनेऊ, बेंच दिया कठमुल्लों को, मुख से आह तलक न निकली, धर्म ध्वजा के फटने पर, कब तुमने आंसू छलकाए, गौ माता के कटने पर, लगता है पूरी आज़म की, मन्नत होने वाली है, हर हिन्दू की इस भारत में, सुन्नत होने वाली है, जागे नही अगर हम तो ये, प्रश्न पीढियां पूछेंगी, गन पकडे बेटे, बुर्के से, लदी बेटियाँ पूछेंगी, बोलेंगी हे आर्यपुत्र, अंतिम उद्धार किया होता, खतना करवाने से पहले हमको मार दिया होता सोते रहो सनातन वालों, तुम सत्ता की गोदी में,  ...

मंत्री जी की कार का एक्सीडेंट हो गया है

एक मंत्री जी गाँव में सभा को संबोधित करने जा रहे थे. गाँव के पहले ही उनकी कार के नीचे एक कुत्ता आ गया. कुत्ता मर गया साथ ही एक्सीडेंट के कारण कार भी खराब हो गई. मंत्री जी ने ड्राईवर को गाँव वालों को मदद के लिए बुलाने भेजा. करीब दो घंटे बाद जब ड्राईवर लौटा तो उसके गले में ढेर सारी मालाएं पड़ी हुई थीं. मंत्री जी ने पूछा – “तूने ऐसा क्या किया जो तेरा इतना सम्मान हुआ ?” ड्राईवर बोला – “मैंने तो सिर्फ इतना कहा था कि मंत्री जी की कार का एक्सीडेंट हो गया है …..और......वो.... कुत्ता मर गया …. !!!

यारियाँ ही रह जाती है

सिर्फ यारियाँ ही रह जाती है ,मुनाफ़ा बन के वर्ना ज़िन्दगी के सौदों में ,,, नुक़सान बहुत है

आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है

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शादी व पार्टियों में प्लेट पकड़ने से छुटकारा । सस्ता व हल्का। शहंशाह की तरह खाना खाए । किसी भी सेनिटरी दुकान से खरीद कर उपयोग कर सकते है ।

आँखों में धोखा है. धोखे में आँखे है

जो दिखाई देता वो हमेशा सच नहीं होता....... कही "धोखे में आँखे है" तो कही आँखों में धोखा है.!!