ना मस्जिद की बात हो,न शिवालों की बात हो

ना मस्जिद की बात हो,न शिवालों की बात हो,
प्रजा बेरोज़गार है, पहले निवालों की बात हो.

मेरी नींद को दिक्कत, ना भजन से.. ना अज़ान से है,
मेरी नींद को दिक्कत, मरते हुये जवान और खुदकुशी करते किसान से है

किसी के बुझते चूल्हे में हवा लगाकर तो देखो।
किसी के पांव के छालों पर दवा लगाकर तो देखो।।

किसानों की मेहनत पर उंगलिया उठाने वालों
समझ में आ जाएगा मूल्य भी फसलो का 

जरा कभी खेतो में भी cc tv कैमरे लगाकर तो देखो



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